Tally Screen के Components

Tally.ERP9 में हम टैली स्क्रीन के components के बारे में जानेंगे। टैली स्टार्ट करने पर गेटवे ऑफ़ टैली स्क्रीन पर जो Components हैं वह किस काम आते हैं यह जानेंगे।

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Tally में कम्‍पनी बनाना सीखे।

Tally में कम्‍पनी बनाना काफी आसान है नीचे दिए गए स्‍टेपस को फालों कर के आप टेली में एक कम्‍पनी बना सकते है। Step 1 :- सबसे पहले हमें Tally के एप्‍लीकेशन को ओपन करना होगा। उसके बाद आपके सामने कुछ इस तरह की इमेंज शो होगी जैसा की नीचे दिए गए इमेंज में दिखाया गया है।

Balance Sheet क्‍या है।

किसी व्यवसाय की वित्तीय स्थिति को प्रकट करने के लिए Balance Sheet बनाया जाता है। यह किसी व्यापार की आर्थिक स्‍थिति का विवरण होता है। इसे चिटठा भी कहा जाता है। किसी निश्चित समय पर एक व्यापार या संगठन की संपत्ति, देनदारियों (Liabilities) और पूँजी (Share Capital) के विवरण को Balance sheet कहते है।

Profit And Loss Account क्या है।

यह वर्ष के अंत में व्यापार खाता बनाने के बाद और चिट्ठा (Sheet) बनाने के पहले बनाया जाता है। सभी खर्चों के आपूर्ति के बाद होने वाले लाभ या हानि को निर्धारित करने के लिए जो लेखा तैयार किया जाता है।

Trial Balance (तलपट) क्‍या है।

Trial Balance (तलपट) में Trial से मतलब जाँच से होता है तथा Balance से मतलब शेष से होता है। लेजर में जो शेष आता है वह सही है या नहीं इसे जाँचने के लिए जो लेखा तैयार किया जाता है, उसे Trial Balance कहा जाता है । दूसरे शब्दों में लेजर के शेष को जाँचने के लिए जो लेखा तैयार किया जाता है उसे Trial Balance कहा जाता है ।

Cash Book क्या है।

Cash book जिसे हम हिंदी में रोकड़ बही भी कहते है। Cash Book में Cash से सम्बंधित जानकारी को ही लिखा जाता है। Cash Book में हमें कहॉं से कितनी राशि प्राप्‍त हुई और कहॉं पर कितनी राशि का भुगतान किया गया है, यह लिखा जाता है। इसमें बैक में जमा की गई राशी और निकली गई राशी को लिखा जाता हैं।

Ledger (खाता-बही) क्या है ?

Ledger Account की सबसे महत्‍वपूर्ण Book होती है। यह Account की वह प्रिसिंपल बुक होती है। जिसमें व्‍यापार से सम्‍बंधित सभी जानकारी होती है। Ledger की अनुपस्थिति में Final Accounts बना पाना बहुत ही मुश्किल होगा। लेजर कई Account’s से सम्बन्धित आवश्‍यक सूचनाऍं उपलब्‍ध कराता है। Ledger में Personal Accounts यह दिखाते है, कि फर्म अपने Credit के प्रति कितना ऋणी है, व अपने Debtor से कितनी रकम वसूल करना है।

Journal में एकाउंटिंग के नियम

जर्नल में अकाउन्टिग करते वक्‍त निम्‍नलिखित बातों का ध्‍यान रखना चाहिए। 1. Transaction से सम्‍बन्धित जिस Account को Debit किया जाये उसे Detail के कॉलम में बिलकुल सिरे से मिलाकर लिखे तथा उसके आगे इसी कॉलम में Dr. शब्‍द अवश्‍य लिखे।