ई-मार्केटिंग क्या है? ई मार्केटिंग के प्रकार लिखिए|

ई-मार्केटिंग इंटरनेट का उपयोग करके किसी उत्पाद या सेवा के विपणन की प्रक्रिया है। मार्केटिंग में न केवल इंटरनेट पर मार्केटिंग शामिल है, बल्कि इसमें -मेल और वायरलेस मीडिया के माध्यम से मार्केटिंग भी शामिल है। यह व्यवसायों को अपने ग्राहकों से जुड़ने में मदद करने के लिए कई तकनीकों का उपयोग करता है।

इसे हम मुख्य रूप से दो भाग में बाँट सकते हैं: ऑफलाइन मार्केटिंग और ऑनलाइन मार्केटिंग। चलिए अब इन दोनों को विस्तार से समझते हैं:

ऑफलाइन डिजिटल मार्केटिंग क्या है? 

जी हाँ, ऑफलाइन मार्केटिंग भी डिजिटल मार्केटिंग का ही एक हिस्सा है। यह मार्केटिंग करने का एक ऐसा तरीका है जिसमे डिजिटल डिवाइस का उपयोग किया तो जाता है लेकिन यह जरुरी नही है की वह इन्टरनेट से जुड़ा हुआ हो।

इस श्रेणी में भी कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग किया जा सकता है जैसे:

  • रेडियो
  • टीवी
  • मोबाइल

रेडियो: इस श्रेणी में यह सबसे पुराना तरीका है जिसमे लोगों तक अपनी आवाज़ और संगीत के माध्यम से रचनात्मक तरीके से अपनी बात पहुचाई जाती है। और कमाल की बात है की रेडियो की लोकप्रियता अभी भी कम नही हुई है और यही कारण है पिछले 10 सालों में रेडियो चैनल्स की आय लगातार बढ़ी है और 2018 में 470 मिलियन डॉलर हो गयी है।

टीवी: हम सभी बचपन से टीवी पर विज्ञापन देखते आ रहे हैं। इनमे से कुछ विज्ञापन जैसे एक्शन स्कूल शूज, झंडू बाम, वाशिंग पाउडर निरमा आदि तो जैसे हमारी यादों में बस गए हैं। लेकिन जब से यूटूब आया है लोग अब टीवी से दूर होते जा रहे हैं। टीवी पर विज्ञापन करने में कई सारी समस्याएं हैं, छोटे बिज़नस के लिए यह बहुत ही महंगा है और इसके अलावा इससे सटीक तरीके से टार्गेटिंग भी नही किया जा सकता जबकि यूटूब में यह बहुत ही आसान है।

मोबाइल: यहाँ पर हम एसएमएस मार्केटिंग की बात कर रहे हैं जिसका उपयोग अब स्मार्टफ़ोन के आने से कम हो गया है लेकिन इसका उपयोग आज भी किया जा सकता है।

ऑनलाइन डिजिटल मार्केटिंग क्या है?

इसे इन्टरनेट मार्केटिंग भी कहा जाता है, इसके नाम से ही पता चल रहा है की इस प्रकार के मार्केटिंग में ऐसे डिजिटल डिवाइस का उपयोग होता है जो की इन्टरनेट से जुड़े होते हैं जैसे: मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि।

ऑनलाइन मार्केटिंग भी कई प्रकार के होते हैं जिनमे से कुछ श्रेणियों के बारे में नीचे दिया गया है:

  • सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO)
  • सर्च इंजन मार्केटिंग (SEM)
  • पे-पर-क्लिक एडवरटाइजिंग (PPC)
  • सोशल मीडिया मार्केटिंग (SMM)
  • कंटेंट मार्केटिंग
  • ईमेल मार्केटिंग
  • एफिलिएट मार्केटिंग

सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO):  यह एक ऐसा तरीका है जिससे किसी वेबसाइट की क्वालिटी को बढाया जाता है ताकि वह सर्च इंजन पर बेहतर स्थान प्राप्त कर सके।कोई भी वेबसाइट या ब्लॉग तभी सफल होता है जब उस पर लोग विजिट करते हैं।

अपनी वेबसाइट पर ट्रैफिक लेकर आना आसान काम नही होता, कई बार विज्ञापन के जरिये प्रमोशन करके ट्रैफिक लाया जाता है लेकिन यदि आप बिना विज्ञापन के अपनी वेबसाइट पर फ्री में ट्रैफिक यानि आर्गेनिक ट्रैफिक लाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपनी वेबसाइट को सर्च इंजन के लिए ऑप्टिमाइज़ करना होगा ताकि आपके वेबसाइट के कंटेंट सर्च इंजन पर दिखाई दे सकें और यह काम SEO द्वारा किया जाता है।

SEO क्या है? इस बारे में हमने एक विस्तार से आर्टिकल लिखा है जिसे आप पढ़ सकते हैं।

सर्च इंजन मार्केटिंग (SEM):  SEO से हम सर्च इंजन से मुफ्त में ट्रैफिक लेकर आते हैं वहीँ SEM एक पेड तरीका है जिसमे सर्च इंजन जैसे गूगल, बिंग आदि में विज्ञापन करके ट्रैफिक प्राप्त किया जाता है। इसमें विज्ञापनकर्ता को हर एक क्लिक के हिसाब से सर्च इंजन को पैसे देने पड़ते हैं।

पे-पर-क्लिक एडवरटाइजिंग (PPC): यह विज्ञापन का एक तरीका है जिसमे बैनर या टेक्स्ट के रूप में विज्ञापन दिखाया जाता और एडवरटाइजर को हर एक क्लिक पर निर्धारित मूल्य चुकाने होते हैं।

इसका एक बेहतर उदाहरण आप गूगल पर देख सकते हैं: आप जब भी कुछ सर्च करते हैं तो रिजल्ट वाले पेज में सबसे ऊपर और साइड में कुछ विज्ञापन दिखाई देते हैं वे दरअसल PPC ads ही होते हैं। यह तरीका न सिर्फ सर्च इंजन में होता बल्कि कई सारी वेबसाइट पर PPC विज्ञापनों का उपयोग होता है।

सोशल मीडिया मार्केटिंग (SMM): सोशल मीडिया मार्केटिंग एक ऐसा तरीका है जिससे सोशल साइट्स जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप्प, इन्स्टाग्राम, यूटूब आदि का उपयोग कर किसी वेबसाइट, प्रोडक्ट या सर्विस को प्रमोट किया जाता है।

आजकल सोशल साइट्स का उपयोग हर कोई करता है बल्कि यह तो हमारी ज़िन्दगी का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है। ऐसे में ये सोशल साइट्स मार्केटिंग के लिए एक बहुत ही बढ़िया प्लेटफार्म बन गये हैं।

कंटेंट मार्केटिंग: यह मार्केटिंग एक नया तरीका है। इसमें हाई-क्वालिटी और रोचक कंटेंट बनायीं जाती है जिससे टार्गेट ऑडियंस को आकर्षित किया जा सके और उन्हें इंगेज रखा जा सके। यहाँ पर कंटेंट का मतलब डिजिटल कंटेंट से है यानि:

  • ब्लॉग पोस्ट
  • विडियो
  • ई-बुक
  • इन्फोग्रफिक
  • पॉडकास्ट आदि

इसका मुख्य उद्देश्य किसी ब्रांड, प्रोडक्ट या वेबसाइट को प्रमोट कर ऑडियंस को ग्राहक बनाना होता है।

ईमेल मार्केटिंग: जी हाँ, ईमेल मार्केटिंग, यह आज भी काम करती है। इसमें कई लोगों को एक साथ प्रमोशनल ईमेल भेजे जाते हैं। इसकी खासियत यह है की यह आसान और सस्ता है।

एफिलिएट मार्केटिंग: इसमें हम किसी दूसरे व्यक्ति या ब्रांड के प्रोडक्ट या सर्विस का प्रचार करते हैं और सेल्स मिलने पर कुछ कमीशन प्राप्त करते हैं। इसकी अधिक जानकारी के लिए पढ़िए: एफिलिएट मार्केटिंग क्या है? कैसे करते हैं?

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