
डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम या DBMS एक ऐसा जटिल सॉफ्टवेयर है जो विभिन्न प्रबन्धन क्रियाएं जैसे- निर्माण डाटाबेस में डाटा को डालना, बदलना, हटाना, तथा प्राप्त करना जैसे कार्य करता है। यह एक विशेष प्रोगाम सॉफ्टवेयर है। यह डाटा को अधिक मात्रा में स्टोर कर सकता है।
डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम का प्रयोग निम्नलिखित सुविधाओं कें कारण काफी लोकप्रिय है।
डाटा का केन्द्रीय प्रबन्धन (Centralized management of Data) DBMS
एक संगठन के प्रत्येक डाटा को एक ही स्थान पर, एक डाटाबेस के रूप में रखने में सहायक है। संगठन के लिए आवश्यक डाटा एक ही स्थान पर स्टोर होगा होगा। इस के उपयोग से डाटा को स्टोर करने व रखरखाव के अलग अलग तरीको से बचा जा सकता है।
डाटा को शेयर करना (Sharing of Data)
जब डाटा को एक ही स्थान पर स्टोर किया जाता है तो यह संगठन में कार्य करने वाले लोगों के द्वारा आसानी से उपयोग में लाया जा सकता है। जैसे – डायरेक्टर( प्रबन्धक, सुपरवाइजर, कर्मचारी, ग्राहक यह सभी डाटाबेस को उपयोग के लिए एक्सेस कर सकते है। लेकिन कार्य के आधार पर डाटाबेस का सिर्फ कुछ भाग ही उनके द्वारा एक्सेस किया जा सकता है।
डाटा के डुप्लिकेट होने से बचाना (Non Redundancy of Data)
क्योकि डाटा एक ही स्थान पर स्टोर किया जाता है। इस लिए इसके कोई दूसरा डुप्लिकेट होने का सवाल ही नही उठता। डाटा को होने वाले किसी भी तरह के नुकसान को रोकने के लिए डाटाबेस डिजाइनर अपनी जरूरत के अनुसार कुछ डाटा के डुप्लिकेट बना सकता है। इस तरह का डाटा Non Redundancy कहलाती है। यह प्रोसेसिग में लगने वाले समय और कम्यूनिकेशन के लागत को कम कर देता है। यह डाटाबेस को अपडेट रखने व सही समय पर सही जानकारी प्रदान करने में सहायक है।
डाटा की विश्वसनीयता (Data Integrity)
यदि एक ही डाटा का एक से ज्यादा डुप्लिकेट किया गया हो तो इसे सही तरीके से अपडेट करना जरूरी होता है। यदि इसे अपडेट नही किया गया तो यह अपनी विश्वसनीयता खो देगा। DBMS में डाटा एक ही जगह स्टोर किया जाता है और जरूरत पडने पर इसे अपडेट भी किया जाता है। इस लिए डाटाबेस हमेंशा ही जानकरी प्रदान करता है।
सुरक्षा के तरीके अपनाना (Imposing Proper Security)
डाटाबेस में डाटा को बेहतर तरीके से हर स्तर पर सुरक्षित किया जा सकता है। अन्दर से व बाहर दोनो प्रकार की सुरक्षा डाटाबेस में डाली जा सकती है। DBMS डाटा के हर लेवल पर सुरक्षा प्रदान करता है। तथा जरूरत के अनुसार डाटा एक्सेस करने का प्रारूप भी डिजाइन किया जा सकता है।
रिकवरी में असानी (Ease of Recovery)
जब सिस्टम क्रैश हो जाता है। DBMS की आधुनिक तकनीकों द्वारा मिट चुके डाटा को असानी से रिकवर किया जा सकता है।
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